खूबसूरत रास्ते (Beautiful Ways)
इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें, प्यार ढूढ़ते रहे हम सदा तेरी परछाईयों मे।।
रास्ते ऐसे तो मंजिल की फिक्र कौन करता है। जब इतने सुंदर नजारे रास्ते में दिखते हों तो मंजिल पर पहुंचने की जल्दी किसे होती है, बस देखते जाओ और चलते जाओ। ऐसे रास्ते जितने लम्बे होते हैं उतने ही मन को आनंदित करते हैं। ऐस रास्ते पर चलते हुए जब हम अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं तो एक आह सी निकलती है कि ये कहां आ गए हम यूं ही कदम कदम चलते चलते।
मंजिल तो आपका कुछ पल साथ देती है पर रास्ते सदैव साथ बने रहते हैं और साथ कभी नहीं छोडते हैं। कुछ रास्ते तो ऐसे होते हैं जिनके सामने मंजिल तक पहुंचने की चमक फीकी लगती है। रास्ते की खूबसूरती तन-मन में ऐसे बस जाती है कि मंजिल पर पहुंचकर रास्ते से बिछड़ने का गम सताने लगता है। रास्ते में चलते हुए आप सपनों की हसीन दुनिया में खोए हुए होते हैं कि मंजिल पर पहुंचकर ये करेंगे, वो करेंगे पर होता क्या है कुछ नहीं। मंजिल पर पहुंचे नहीं कि बस यही आह निकलती है कि उफ्फ थक गया चलते चलते, पर जब तक रास्ते में रहते हैं तो मंजिल तक पहुंचने की जल्दी होती है और मंजिल पर पहुंचकर लोग रास्ते को भूल जाते हैं, इसलिए प्यार रास्ते से करिए मंजिल से नहीं क्योंकि मंजिल का साथ तो कुछ देर में छूट जाएगा और फिर चलना आपको रास्ते पर ही पड़ेगा।
फोटो : मध्यमहेश्वर के रास्ते में कहीं, सितम्बर 2018
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