उज्जैन-ओंकारेश्वर यात्रा-10: ओंकारेश्वर से देवास
(Omakareshwar to Dewas)
(Omakareshwar to Dewas)
सुबह इंदौर से चलकर ओंकारेश्वर पहुंचना और तत्पश्चात् नर्मदा में स्नान करने के बाद मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते करते दोपहर से ज्यादा का समय बीत चुका था। मंदिर में दर्शन के उपरांत कहां जाएं, कहां न जाएं की उहापोह वाली स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तभी नदी के उसी तरफ से दिखाई देते एक बहुत बड़े शिव प्रतिमा को देखने की ललक से परिक्रमा पथ पर घूमने का मौका मिला। इस दौरान एक साथ कई कार्य हो गए थे। जैसे कि शिव प्रतिमा के दर्शन के साथ-साथ बहुत से पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों, मंदिरों और आश्रमों को देखने का मौका मिला। पूरे रास्ते नर्मदा, पहाड़, हरियाली, मंदिरों और पौराणिक स्थलों के अवशेष, पक्षियों का कलरव, बंदरों की धमाचैकड़ी ने उस समय का आनंद लेने का भरपूर मौका दिया था। हमने 1 बजे परिक्रमा आरंभ किया था और करीब 4ः30 बजे तक परिक्रमा पथ की परिक्रमा पूर्ण करके फिर से मंदिर तक आ गए थे। यहां पहुंचकर एक बार फिर से अपने भगवान भोले नाथ को प्रणाम करते हुए आगे के सफर पर निकल पड़ा। हमारी योजना ओंकारेश्वर से महेश्वर जाने की थी पर होनी को कुछ और ही मंजूर था और हम चले थे महेश्वर के लिए और पहुंच गए कहीं और। वो कहते हैं न कि दुनिया गोल है जहां से आप चलेंगे वहीं पहुंच जाएंगे और मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। चलिए हम आपने साथ आपको उसी जगह पर ले चलते हैं, जहां फिर से कल ही की तरह उसी शहर में आभासी दुनिया के अनजान लोगों का मिलन था, जहां एक अपनापन था, प्यार और स्नेह था।