Wednesday, June 24, 2020

ताड़ : प्रकृति का अनुपम उपहार (Palm: The Unique Gift of Nature)

ताड़ : प्रकृति का अनुपम उपहार
(
Palm: The Unique Gift of Nature)




बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे ताड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।

पता नहीं किसने ये कहावत शुरू किया होगा। ताड़ का पेड़ सीधे भले ही मुसाफिरों को छाया नहीं देता पर उस एक पेड़ के इतने गुण हैं कि यही कह सकते हैं कि

सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं ताड़ गुण लिखा न जाइ।

ताड़ का पेड़ प्रकृति प्रदत्त एक अनुपम उपहार है जिसका जीवन तो बस परोपकार के लिए ही है, वो अपना हर चीज (जड़, तना, पत्ता, फल, बीज, आदि सभी चीज) लोगों की सेवा में समर्पित कर देता है। 

Wednesday, June 10, 2020

कटा पहाड़ और वटवृक्ष (Chopped Mountain and Banyan Tree)

कटा पहाड़ और वटवृक्ष (Chopped Mountain and Banyan Tree)


एक फकीरे को बहुत समय से एक बेशकीमती हीरे की तलाश थी और वो आज उसी हीरे की तलाश में सुनसान और निर्जन राहों पर निकल पड़ा था। वो उन सुनसान राहों पर चला ही जा रहा था कि बीच में एक नदी के प्रवाह ने उसको रोक लिया। अनजान रास्ते में मिलने वाली नदी को यूं ही अनजाने में पार करने से पहले फकीरे ने कुछ देर इंतजार किया कि क्या पता कोई मुसाफिर ईधर से गुजरे जिसे नदी में पानी का अंदाजा हो और वो भी उसके साथ नदी पार कर जाए। उसकी ये सोच भी बहुत जल्द फलीभूत हुई। वो नदी किनारे बैठा किसी मुसाफिर का इंतजार कर ही रहा था कि कई राहगीरों का एक समूह भी नदी तट पर आया जो नदी के दूसरी तरफ अपने काम पर जा रहा था। फकीरा भी उन लोगों के साथ नदी पार करने लगा और उन राहगीरों से बेशकीमती हीरे की जगह के बारे में पूछताछ करने लगा। पूछने पर उन राहगीरों ने केवल इतना ही बताया कि नदी पार करने के बाद आप उन कच्चे रास्ते पर चलेंगे तो दूर, थोड़ा दूर, थोड़ा और दूर निर्जन राह पर एक वटवृक्ष आएगा और उसके सामने ही पश्चिम की तरफ कटा पहाड़ है और कटा पहाड़ पार करते ही आपको वो हीरा मिल जाएगा।