Tuesday, July 24, 2018

नदी : एक शीतल अहसास (Nadi: Ek Sheetal Ehsas)

नदी : एक शीतल अहसास (Nadi: Ek Sheetal Ehsas)


हर इंसान की जिंदगी को कुछ न कुछ चीजें प्रभावित करती हैं। कुछ चीजों के प्रति उसका जुनून और पागलपन हमेशा उसके साथ रहता हैं। कुछ शब्द, कुछ वस्तुएं, शहर, गांव, नदियां, खेत, जानवर, पक्षी आदि बहुत सी चीजें हैं जिनसे इंसान प्रभावित होता है और किसी खास चीज से इंसान का खास लगाव भी रहता है। कुछ चीजें किसी खास इंसान को बहुत हद तक आकर्षित करती है। वैसे ही और लागों की तरह हमें भी बहुत सी देखी-अनदेखी चीजों ने आकर्षित किया है, जैसे पहाड़, समुद्र, नदी, झरने, सड़कें, बाढ़, हरे-भरे खेत आदि और भी न जाने ऐसी कितनी चीजें हैं जिसके प्रति सदा ही मेरा आकर्षण रहा है। पहाड़ के प्रति मेरे लगाव, जुनून और पागलपन को आपने पहले पढ़ा ही होगा। आइए अब अपने नदी के प्रति उस लगाव के बारे में बताते हैं, जहां पहुंचकर हमें एक बहुत ही शीतलता का आभास होता था।