ताड़ : प्रकृति का अनुपम उपहार
(Palm: The Unique Gift of Nature)
(Palm: The Unique Gift of Nature)
बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे ताड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।
पता नहीं किसने ये कहावत शुरू किया होगा। ताड़ का पेड़ सीधे भले ही मुसाफिरों को छाया नहीं देता पर उस एक पेड़ के इतने गुण हैं कि यही कह सकते हैं कि
सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं ताड़ गुण लिखा न जाइ।
ताड़ का पेड़ प्रकृति प्रदत्त एक अनुपम उपहार है जिसका जीवन तो बस परोपकार के लिए ही है, वो अपना हर चीज (जड़, तना, पत्ता, फल, बीज, आदि सभी चीज) लोगों की सेवा में समर्पित कर देता है।