Friday, March 21, 2025

पैदल रास्ते की खूबसूरती (Beauty of Trekking)

पैदल रास्ते की खूबसूरती (Beauty of Trekking)


नीले-सुनहरे आसमान में लालिमा लिए सूर्य देव ...... लहराती-बलखाती बहती हुई नदी के साथ-साथ ...... बर्फ से ढंके पहाड़ की तलहटी में ...... छोटी-बड़ी झीलें और ताल ...... महकती हुई वादियां ...... खामोश वातावरण ...... कुछ-कुछ जंगली रास्ते ...... गिरे हुए पत्तों पर पड़ते पैर ...... पत्तों में पैर का धंस जाना ...... टहनियों के टूटे से एक अनाजाना डर ...... गगनचुंबी पेड़ों पर सरसराती हवाएं ...... पक्षियों का पेड़ों के ऊपर से गुजरना ...... अपने पंखों के फडफड़ाहट के साथ पेड़ों की ऊंची डालियों पर रुक जाना ...... एक काल्पनिक और अनदेखा रोमांच ...... जंगली पौधों व जड़ी बूटियों की तेज सुंगंध ...... झींगुरों का गायन ...... पक्षियों का कलरव ...... थोड़ी सी आवाज पर दिल की धड़कन का तेज हो जाना ...... कुछ अनजान चीजों को खोजती नजरें ...... ऊबड़-खाबड़ और फिसलन भरी राहें ...... पेड़ के पत्तों से छनकर आती सूर्यदेव की किरणें ...... घनी झाडियों से निकल सांपों का रास्ते से गुजर जाना ...... रास्ते से हटकर बहती हुई नदी का मधुर संगीत वाली ध्वनि ...... झरनों में बहते जल के बूंदों से शरीर के साथ-साथ मन का भींग जाना ...... पल-पल बदलता मौसम ...... नीले आकाश में सफेद बादलों का बसेरा ...... हरी-भरी वादियां ...... और इनके साथ न जाने क्या क्या। यदि ये सब कुछ आप देखना और महसूस करना चाहते हैं तो निकल पडि़ए अपना झोला उठाकर खूबसूरत वादियों में एक खूबसूरत सफर और वापसी में उस खूबसूरत सफर की खूबसूरत यादें लेकर घर आ जाइए।

फोटो : बूढ़ामध्यमहेश्वर ताल और साथ में चौखम्भा और उसका प्रतिबिम्ब

Sunday, March 9, 2025

मेरे जाने के बाद (Mere Jaane ke Baad)

मेरे जाने के बाद (Mere Jaane ke Baad)


ठंडी होने लगी है अब
दिन भर की गर्म हवा
आने लगे हैं वो लोग
जो गए थे खेतों की ओर
अपने बैलों के साथ।
मैं भी चला जाऊंगा
कल सुबह
इस गांव से
फिर एक बार
मां की ममता से दूर।
मां बांध देगी
सुबह सुबह
ममता-भरा कुछ पाथेय
रास्ते में खाने के लिए।

Sunday, March 2, 2025

थका मन (Thaka Man)

थका मन (Thaka Man)

कभी-कभी
थक जाता है
मन भी तन के साथ,
तब बस निढाल हो,
एक कोने में,
किसी से बिना कुछ कहे,
चला जाता है,
आँखें बंद किए
शून्य की ओर...!

फोटो : सनियारा बुगियाल, रांसी