थका मन (Thaka Man)
कभी-कभी
थक जाता है
मन भी तन के साथ,
तब बस निढाल हो,
एक कोने में,
किसी से बिना कुछ कहे,
चला जाता है,
आँखें बंद किए
शून्य की ओर...!
थक जाता है
मन भी तन के साथ,
तब बस निढाल हो,
एक कोने में,
किसी से बिना कुछ कहे,
चला जाता है,
आँखें बंद किए
शून्य की ओर...!
फोटो : सनियारा बुगियाल, रांसी
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