ऐसा देश है मेरा (Aisa Desh Hai Mera)
कभी-कभी ऐसा कुछ होता है जिसके बारे में हम कुछ सोच नहीं पाते। ऐसा ही कुछ हुआ जिसके कारण हमने ये लेख लिखा है। इस आलेख की पटकथा एक फोटो से आरंभ हुई थी इसलिए उसी फोटो को हम इस पोस्ट में लगा रहे हैं। यह फोटो हमारे एक घुमक्कड़ मित्र आदरणीय किशन बाहेती (Kishan Bahety) जी द्वारा लेह यात्रा के दौरान ली गई थी। आइए आप भी पढि़ए इस आलेख को, जिसे लिखने में मेरा सहयोग अनुराग गायत्री चतुर्वेदी (Anurag Gayatree Chaturvedi) जी ने भी किया है।
ऐसा देश है मेरा तो क्यों परदेश मैं जाऊं।
अगला जन्म लेकर इस पुण्य धरा पर आऊं।
उपरोक्त ये जो दोनों पंक्तियां अभी आपके सामने है, ये केवल दो पंक्तियां नहीं बल्कि अपने इस देश की गौरव गाथा है। इन दो पंक्तियों से ही इस देश की संपूर्ण गाथा लिखी जा सकती है। ज्यादा तो नहीं थोड़ा लिखने की कोशिश किया हूं, उम्मीद है सबको पसंद आएगा। असल ये दोनों पंक्तियां आदरणीय किशन बाहेती जी की है, जिस पर मैंने अपने देश का गुणगान करते हुए ये लेख लिखा है।