वो बूढ़ा पेड़ (Wo budha ped)
कोई गतिअवरोधक नहीं है ...
वो तो देता है ...
हर आते जाते लोगों को ठंडी ठंडी छांव ...
कहता रहता है ...
ओ जाते हुए मुसाफिर ...
जरा रुकना और सुस्ता लेना ...
मेरी ठंडी ठंडी छांव में ...
रुक लेना कुछ पल मेरी पनाहों में ...
फिर चले जाना अपनी मंजिल की ओर ...
और रखना मेरी एक बात हमेशा याद ...
लौटते हुए भी ...
मैं तुमको बिल्कुल यहीं पर मिलूंगा ...